बरेली 31 मार्च (वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर देवभूमि से निकला भागीरथी प्रयास पूरे देश में फैलेगा।
उन्होने कहा कि दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड जैसी घटनाओं को उत्तराखंड में नहीं होने दिया जायेगा। इस कानून में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों की जानकारी उनके परिवार को देने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने अपने सम्मान में आयोजित समारोह के दौरान सम्मान स्वरूप मिली गदा को उठाते हुये कहा कि यह सम्मान उत्तराखंड की जनता को समर्पित है। श्री धामी ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में अलगाव का असर बच्चों पर पड़ता है, इसलिए यूसीसी में ऐसे बच्चों के अधिकारों की रक्षा का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि विपक्षी दलों ने जनता का इस्तेमाल सिर्फ वोट के लिए किया है। यूसीसी लागू होने के बाद मुस्लिम बहनें भाजपा सरकार को धन्यवाद दे रही हैं। उन्होंने उत्तराखंड को एक आदर्श राज्य बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई और यूसीसी के प्रभावी क्रियान्वयन का आश्वासन दिया।
श्री धामी ने भाजपा सरकार की प्रमुख उपलब्धियों का जिक्र किया, जिनमें श्री राम मंदिर का निर्माण, अनुच्छेद 370 का समाप्त होना और तीन तलाक कानून शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यूसीसी का प्रभाव सिर्फ उत्तराखंड तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में इसकी समरस धारा बहेगी।
उन्होने स्पष्ट किया कि यह कानून किसी धर्म, समुदाय या पंथ के खिलाफ नहीं है। यूसीसी संपत्ति के उत्तराधिकार से जुड़े विवादों का भी समाधान करेगा और महिलाओं के सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभाएगा। इस मौके पर पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिशा निर्देश पर उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया गया। यूसीसी आज लोगों की मांग है। उन्होंने कहा कि जिस तरह गंगोत्री से मां गंगा निकल कर पूरे देश को सींचती है उसी प्रकार यूसीसी उत्तराखंड से शुरू हुआ है और जल्द ही पूरे देश मे लागू होगा।
यूसीसी का विरोध करने वालों पर पुष्कर सिंह धामी ने निशाना साधते हुए कहा कि देश की जनता आज यूसीसी की मांग कर रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके और उनके पिताजी श्री मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में कभी राम मंदिर नहीं बन पाया और उन्होंने निहत्थे कारसेवकों पर गोलियां चलवाई।
श्री धामी ने ‘एक देश, एक विधान’ और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर चर्चा करते हुये यूसीसी उत्तराखंड में लागू होने और इसके व्यापक लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि यह कानून सभी धर्मों के लोगों के लिए समान है और प्रधानमंत्री मोदी नेतृत्व में देश के विकास के अनुरूप है।
उन्होने एक देश, एक विधान, नया हिंदुस्तान और समान नागरिक संहिता पर खुलकर अपनी बात रखी और कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नवाचार देश में हो रहा है और 2014 बाद से हर वह काम हो रहा है, जो देश काफी समय में प्रतीक्षा कर रहा था, चाहे कश्मीर में धारा 370 हो या अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनना हो, तीन तलाक का कानून हो या सीएए कानून हो या पूरी दुनिया में भारत को वैश्विक रूप से पहचान ज्यादा स्थापित होना हो या देवभूमि उत्तराखंड में देश की आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने का कानून हो. ऐसे अनेक काम हुए हैं।
समान नागरिक संहिता के रोडमैप के बारे में पूछे जाने पर धामी ने कहा कि उत्तराखंड में 2022 का आम चुनाव संपन्न हुआ और उस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने उत्तराखंड की जनता के साथ एक वचन, एक संकल्प रखा कि नई सरकार बनी तो देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता नया कानून लागू करेंगे और देवभूमि उत्तराखंड की जनता ने भी इस आम चुनाव में राज्य बनने के बाद एक मिथक था कि हर पांच साल के बाद सरकार बदलती थी। चुनाव बाद सरकार बदल जाती थी। लगातार चार बार से क्रम चल रहा था। पहली बार उत्तराखंड जनता ने यह मिथक तोड़ा और भाजपा सरकार फिर से बनी और एक इतिहास बना दिया और जो हमने वचन जनता के समक्ष रखा था, उसे निभाया।
यूसीसी को लेकर एक वर्ग के नाराज होने के सवाल पर उन्होने कहा कि यूसीसी भारतीय संविधान में अनुच्छेद 44 में इसका प्रावधान किया गया है, जो ऐसे बात करते हैं. यूसीसी को नहीं मानेंगे या संविधान नहीं मानेंगे। यहां की व्यवस्था को नहीं मानेंगे. वे कौन लोग हो सकते हैं, वे व्यवस्था विरोधी और संविधान विरोधी लोग हैं. बाबा साहेब आंबेडकर को नहीं मानने वाले लोग हैं। हमने कभी भी किसी साथ तुष्टिकरण की बात नहीं की है। प्रधानमंत्री नेतृत्व में एक मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास पर चल रहे हैं। उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया और कभी कहीं इसका विरोध नहीं हुआ।