Friday, May 16, 2025

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प्यारी होली

बहुत ही प्यारी है ये होली,
लाखों रंग जीवन में भरती।

आपस में प्रेम बढ़ाने आती,
मन की दुरियाँ खत्म करातीं।

बिछुड़े रिस्तों को फिर मिलाती,
खुशियों की बरसात कराने आई।

रंग गुलाल खिलाने आई है होली,
सबको जोकर भी बनाती हैं होली।

फिर भी बहुत प्रसन्नता से खेलते,
एक दूसरे को रंगों से भिगो देते हैं।

भांग पीकर कुछ भी बोलते हैं सब,
नशे में गुजिया और मिठाई खाते हैं।

बृंदावन की कुंज गलियों में कान्हा,
राधे के संग होली खेलने आतें है।

संग में ग्वालों की टोली भी आई हैं,
राधे संग बरसाने से गोपियाँ आई।

होली का धमाल हो रहा है ब्रज में,
होली बिछड़े दिलों को मिलाती हैं।

रंग गुलाल भरी प्यारी होली हैं ये,
होली की बहुत- बहुत बधाइयाँ।

किरन अग्रवाल,प्रतापगढ़

Universal Reporter

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