लखनऊ 09 अप्रैल (वार्ता) कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में न्यायपथ प्रस्ताव को छलावा करार देते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का आरक्षण विरोधी रवैया सर्वविदित है।
सुश्री मायावती ने राज्यपालों को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि इससे बाबा साहब डा भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी संविधान और लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी।
बसपा अध्यक्ष ने एक्स पर पोस्ट किया “ कांग्रेस पार्टी के अहमदाबाद अधिवेशन में ख़ासकर भाजपा के ’छद्म राष्ट्रवाद’ व दलित एवं पिछड़े बहुजन-हित आदि को लेकर प्रस्ताव छलावा व अविश्वसनीयता से ग्रस्त। इन वर्गों के आरक्षण व अन्य कल्याणकारी संवैधानिक गारण्टियों को लागू करने के मामले में कांग्रेस का रवैया हमेशा छलावापूर्ण।
बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा ओबीसी समाज को धारा 340 के जरिए आरक्षण देने व उसे लागू न करने पर कानून मंत्री पद से इस्तीफा व फिर मण्डल कमीशन की रिपोर्ट के तहत इन्हें आरक्षण दिलाने में बीएसपी की अहम भूमिका जग जाहिर है जबकि कांग्रेस, भाजपा का आरक्षण-विरोधी रवैया सर्वविदित।”
उन्होने कहा “वास्तव में बाबा साहेब को भारतरत्न से सम्मानित करने से लेकर उनके करोड़ों अनुयाइयों के प्रति कांग्रेस, भाजपा व सपा आदि का रवैया हमेशा ही जातिवादी व बहुजन-विरोधी रहा, जिससे मुक्ति हेतु ही बीएसपी का गठन हुआ, किन्तु अब इन वर्गों के वोटों की खातिर छल व छलावा की राजनीति की जा रही है।”
सुश्री मायावती ने कहा “ सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यपालों की मनमानी व राजभवनों के राजनीतिक द्वेषपूर्ण भूमिका पर अंकुश लगाने वाले कल दिए गए चर्चित फैसले का स्वागत। उम्मीद है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान एवं देश के लोकतंत्र को इससे ज़रूर मजबूती मिलेगी।”