गोरखपुर(दिनेश चंद मिश्रा)। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) ने छात्रों को रोजगार के अधिक संगठित, पारदर्शी और डिजिटल अवसर प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन के मार्गदर्शन और निर्देशानुसार, अब विश्व विद्यालय में प्लेसमेंट के उद्देश्य से आने वाली सभी कंपनियों के लिए समर्थ पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य कर दिया गया है।
यह निर्णय हाल ही में विश्वविद्यालय में आयोजित मेगा जॉब फेयर की अभूतपूर्व सफलता के उपरांत लिया गया, जिसमें देशभर की अनेक प्रतिष्ठित कंपनियों ने भाग लिया और सैकड़ों विद्यार्थियों को रोजगार व इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए। इस सफलता ने डीडीयू को रोजगार आधारित शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल संस्थान के रूप में स्थापित करने की दिशा में प्रेरित किया है।
क्या है समर्थ पोर्टल और क्यों है यह आवश्यक?
‘समर्थ पोर्टल’ विश्वविद्यालय की डिजिटल प्लेसमेंट प्रणाली का मुख्य आधार है। यह एक अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म है जिसे इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि वह कंपनियों और छात्रों के बीच की समस्त प्लेसमेंट प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सक्षम, सुचारु और ट्रैक करने योग्य बना सके।
कंपनियों के लिए उपलब्ध सुविधाएं:
•पोर्टल पर अपना विस्तृत प्रोफाइल बनाना
•प्लेसमेंट अथवा इंटर्नशिप हेतु सत्र चुनना
•भर्ती की तिथियाँ और प्रक्रिया निर्धारित करना
•जॉब या इंटर्नशिप की विस्तृत जानकारी पोस्ट करना
•प्राप्त आवेदनों को ट्रैक करना और चयन प्रक्रिया की निगरानी करना
•भुगतान प्रक्रिया को भी डिजिटल रूप से पूर्ण करना (यदि लागू हो)
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस पहल की जानकारी देते हुए कहा:
“समर्थ पोर्टल की शुरुआत छात्रों और कंपनियों दोनों के लिए एक बड़ी सुविधा है। अब प्लेसमेंट से जुड़ी सभी जानकारी एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और कुशल होगी। यह न केवल हमारे छात्रों को बेहतर अवसर देगा, बल्कि कंपनियों के लिए भी चयन प्रक्रिया को सुगम और प्रभावी बनाएगा।”
छात्रों को भी मिलेगा व्यापक लाभ
गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल के निदेशक प्रो. अजय कुमार शुक्ल ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय के सभी छात्रों की प्रोफाइल पहले से ही समर्थ पोर्टल पर अपलोड की जा चुकी हैं। अब छात्र लॉगिन करके पंजीकृत कंपनियों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, पात्रता के अनुसार अवसरों के लिए आवेदन कर सकते हैं, और अपनी चयन स्थिति को भी रियल-टाइम में ट्रैक कर सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी कंपनी जो विश्वविद्यालय के साथ प्लेसमेंट प्रक्रिया में भाग लेना चाहती है, उसे सबसे पहले विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल से संपर्क करना होगा। कंपनी को एक लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्रदान किया जाएगा, जिससे वह पोर्टल पर पंजीकरण कर सकेगी। यदि कोई प्रशासनिक शुल्क लागू होता है, तो उसका भुगतान भी पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से किया जा सकेगा।
डीडीयू को डिजिटल इंडिया से जोड़ने की दिशा में एक सशक्त कदम
यह नई प्रणाली न केवल विश्वविद्यालय की प्लेसमेंट प्रक्रिया को अधिक सशक्त बनाएगी, बल्कि इसे भारत सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान से भी प्रभावी रूप से जोड़ेगी। इससे विश्वविद्यालय को रोजगार-उन्मुख शिक्षा में एक अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित करने में सहायता मिलेगी।
डीडीयू का यह नवाचार शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक मील का पत्थर है, जो अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन सकता है