नयी दिल्ली, 15 मार्च (वार्ता) मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मतदाता फोटो पहचान-पत्र (ईपीआईसी) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के साथ अगले सप्ताह एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।
हर ईपीआईसी के लिए अलग अंक रखने और ईपीआईसी को आधार कार्ड से जोड़ने के मुद्दे पर विचार विमर्श हो सकता है।
चुनाव अयोग के सूत्रों ने यहां बताया कि श्री कुमार केंद्रीय गृह सचिव, विधि एवं न्याय मंत्रालय में विधायी विभाग के सचिव और यूआईडीएआई के मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) के साथ इस विषय में एक बैठक कर चर्चा करना चाहते हैं। यह बैठक चुनाव आयोग के मुख्यालय पर मंगलवार (18 मार्च) को हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि आयोग को कुछ दिन पहले अलग-अलग राज्यों में कुछ मतदाताओं के फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) के अंक समान होने की शिकायत मिली थी। इस पर आयोग ने कहा था कि इन मतदाताओं के नंबर भले ही समान रहे हों लेकिन उनके जननांकीय विवरण, विधान-सभा क्षेत्र के नाम और मतदान केंद्र का विवरण जरूर अलग अलग होगा। ऐसे मतददाता केवल अपने विनिर्दिष्ट मतदान केंद्र पर ही वोट डाल सकते हैं।
आयोग ने कहा था कि मतदाता सूची संबंधी सूचनाओं के डाटा बेस के लिए एकीकृत ‘एरोनेट’ प्रणाली का प्रयोग शुरू होने से पहले यह प्रक्रिया अलग-अलग स्तरों पर तथा हाथ से पूरी करने के कारण कुछ मतदाताओं के ईपीआईसी के अंक एक जैसे हो सकते हैं।
आयोग ने स्पष्टीकरण दिया था कि कुछ राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के कार्यालयों ने ईपीआईसी के अंकों के आवंटन में एक जैसे अक्षरांकीय अनुक्रमों का उपयोग कर दिया। अलग-अलग क्षेत्रों में मतदाताओं के फोटो कार्ड पर अंक एक जैसे चढ़ गए होंगे।
आयोग ने तय किया है कि हर मतदाता के फोटो कार्ड का अपना अलग नंबर दिया जाएगा। इसके लिए एरोनेट प्रणाली को अद्यतन किया जाएगा।