लखनऊ 10 मई (वार्ता) बाल कुपोषण से निपटने में संभव अभियान की सफलता के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने अब राज्य के सभी आठ आकांक्षी जिलों में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि कुपोषण को मिटाने और बच्चों के लिए पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के स्पष्ट उद्देश्य के साथ यह महत्वाकांक्षी पहल राज्य सरकार की अपने सबसे कम उम्र के नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को पुष्ट करती है।
सूत्रों ने कहा कि पायलट चरण के लिए एक व्यापक कार्य योजना पहले ही तैयार की जा चुकी है।
उन्होंने कहा “ अभियान का लक्ष्य 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रतिदिन 400 कैलोरी और 15-20 ग्राम प्रोटीन युक्त पौष्टिक नाश्ता उपलब्ध कराना है। ये भोजन टेक-होम राशन मॉडल के तहत प्रदान किया जाएगा, जिससे निरंतरता और पहुंच दोनों सुनिश्चित होगी।”
सूत्रों ने बताया कि पोषण पैकेज के तहत बच्चों को फ्लेवर्ड मिल्क, केला और अन्य मौसमी फल तथा विशेष रूप से डिजाइन किया गया बाजरा चिक्की न्यूट्रीबार मिलेगा।
उन्होंने कहा “ वाराणसी में सफलतापूर्वक संचालित इस न्यूट्रीबार ने आंगनवाड़ी लाभार्थियों में एनीमिया, बौनापन और कम वजन के मामलों को कम करने में मदद करते हुए एक मापनीय सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित किया है। इसके पोषण मूल्य और बच्चों के अनुकूल स्वाद के कारण आंगनवाड़ी केंद्रों में उपस्थिति और सहभागिता दोनों को बढ़ाने का श्रेय भी इसे दिया गया है।”
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से कुल 11,13,783 बच्चों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिसका प्रस्तावित बजट 254.83 करोड़ रुपये है, जो प्रति बच्चा प्रति दिन 44 रुपये है।
उन्होंने कहा “ योगी सरकार ने अधिकतम प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए अभियान के त्वरित कार्यान्वयन और करीबी निगरानी के महत्व को रेखांकित किया है। परिणामों को मापने और वास्तविक समय में आवश्यक समायोजन करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा नियमित मूल्यांकन किया जाएगा।”
सूत्रों ने बताया कि इस पहल के साथ, राज्य एक स्वस्थ, मजबूत और अधिक लचीली पीढ़ी बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठा रहा है।
उन्होंने कहा “ सीएम योगी ने दोहराया है कि बाल पोषण केवल एक कल्याणकारी उपाय नहीं है, बल्कि यूपी के भविष्य में एक आधारभूत निवेश है।”