वेद वाणी
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मैं क्रोध को त्याग दूं और मधुरता को धारण करूँ! मैं सदा मधुर ही बोलूँ!
मैं क्रोध को त्याग दूं और मधुरता को धारण करूँ! मैं सदा मधुर ही बोलूँ! (आ त्वा सोमस्य गल्दया सदा…
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हमारा जीवन व्रतमय, प्रेममय और त्याग मय हो!
हमारा जीवन व्रतमय, प्रेममय और त्याग मय हो! (ऋजुनीती नो वरुणो मित्रों नयति विद्वान्! अर्यमा देवै: सजोषा:!) साम २१८- ५…
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साधक प्रभु से प्रार्थना करता है कि- मुझे पवित्रता, शक्ति और यज्ञ मय जीवन प्राप्त हो मेरी यह तीन मधुर अभिलाषायें है!
साधक प्रभु से प्रार्थना करता है कि- मुझे पवित्रता, शक्ति और यज्ञ मय जीवन प्राप्त हो मेरी यह तीन मधुर…
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प्रभु बोलें और मैं सुनूँगा! ये वेदवाणियां अर्थ से भरी, उत्तम उपदेश देने वाली व हित रमणीय है!
प्रभु बोलें और मैं सुनूँगा! ये वेदवाणियां अर्थ से भरी, उत्तम उपदेश देने वाली व हित रमणीय है! (गाव उप…
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हम उस पूर्ण प्रज्ञ सर्वज्ञ प्रभु की पूजा करें प्रभु के साथ अपना सम्बन्ध जोडे! और सदा उस प्रभु के चरणों में अपना अर्पण कर दें!
हम उस पूर्ण प्रज्ञ सर्वज्ञ प्रभु की पूजा करें प्रभु के साथ अपना सम्बन्ध जोडे! और सदा उस प्रभु के…
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शरीर का उचित रक्षण व लोकहित के लिए विनियोग ही प्रभु की सच्ची उपासना है
शरीर का उचित रक्षण व लोकहित के लिए विनियोग ही प्रभु की सच्ची उपासना है (प्र होता जातो महान्नभोविन्नृषद्मा सीददपां…
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हे प्रभु! आपकी कृपा से हम राग द्वेष से उपर उठकर सदा आपका गायन करने वाले गाथिन: व प्राणी मात्र के मित्र विश्वामित्र बन पायेंगे हमें आपकी सुमति प्राप्त हो
हे प्रभु! आपकी कृपा से हम राग द्वेष से उपर उठकर सदा आपका गायन करने वाले गाथिन: व प्राणी मात्र…
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मनुष्य को क्रमशः अग्नि, धेनु, यह्व,व भानु बनकर जीवन के चार पडावों को उत्तमता से तय करने के लिए यत्नशील होना चाहिए!
मनुष्य को क्रमशः अग्नि, धेनु, यह्व,व भानु बनकर जीवन के चार पडावों को उत्तमता से तय करने के लिए यत्नशील…
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प्रगतिशील जीव स्वस्थ, ज्ञान वान और क्रियाशील होता है
प्रगतिशील जीव स्वस्थ, ज्ञान वान और क्रियाशील होता है (प्र केतुना बृहता यात्यन्गिरा रोदसी वृषभो रोरवीति! दिवाश्चिदन्तादुपमामुदानडपामुपस्थे महिला ववर्ध!) साम…
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उत्तम पुरुष ज्ञान के शिखर पर पहुँच जाता है पार्थिव वस्तुओं में रुचि नहीं रखता है, लोकहित। जीवन बिताता है, सदा सत्यवादी, प्रगतिशील, क्रान्तदर्शी, नियमित जीवन वाला होकर मनुष्यों के सम्पर्क में रहता हुआ सदुपदेशो से सबका कल्याण करता है!
उत्तम पुरुष ज्ञान के शिखर पर पहुँच जाता है पार्थिव वस्तुओं में रुचि नहीं रखता है, लोकहित। जीवन बिताता है,…
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