बच निकलना ही बेहतर
अपेक्षित यह है कि स्वदेश लौटने के लिए जो भारतीय तैयार होते हैं, उन्हें यहां लाने में भी पूरी मदद की जाए। यूक्रेन में जो हालात हैं, उसके बीच एक-एक व्यक्ति का जल्द और सुरक्षित वहां से निकल जाना आसान नहीं लगता।
भारत सरकार ने यूक्रेन में रहने वाले भारत के नागरिकों को उचित सलाह दी है। यूक्रेन में जैसे हालात बन रहे हैं, उनके बीच किसी के लिए भी वहां से जल्द निकल जाना ही ठीक है। यही बात भारत सरकार ने कही है। अपेक्षित यह है कि स्वदेश लौटने के लिए जो भारतीय तैयार होते हैं, उन्हें यहां लाने में भी पूरी मदद की जाए। यूक्रेन में जो हालात हैं, उसके बीच एक-एक व्यक्ति का जल्द और सुरक्षित वहां से निकल जाना आसान नहीं लगता। रूस के मिसाइल और ड्रोन हमलों से यूक्रेन का इन्फ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह तबाह हो चुका है। खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेन्स्की ने कहा है कि देश के 30 फीसदी बिजली संयंत्र बर्बाद हो गए हैं। इस वजह से बताया जाता है कि यूक्रेन के लगभग 1100 से शहर और कस्बे अंधकार में डूब गए हैँ। इस बीच तमाम संकेत हैं कि लड़ाई और तेज होगी।
रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने उन चार इलाकों में मार्शल लॉ लगाने का एलान किया है, जिन्हें हाल में हाल में रूस ने खुद में मिला लिया था। इसका मतलब यह निकाला गया है कि उन इलाकों में जमीनी लड़ाई तेज होने वाली है। पुतिन ने यूक्रेन पर आतंकवादी तौर तरीकों के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है। पुतिन ने कहा- वे हमारे इलाके में तोडफ़ोड़ करने वाले समूहों को भेज रहे हैं। तो अब रूस जवाबी कार्रवाई करने का दावा कर रहा है। रूसी मार्शल लॉ के तहत सरकार को ज्यादा ताकत मिल जाती है कि वह सेना को मजबूत करने के साथ ही कर्फ्यू, लोगों की गतिविधियों पर पाबंदी, सेंसरशिप और विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक भी लगा सकती है। मिसाइल और ड्रोन हमलों के भी जारी रहने की संभावना है। कई देश यूक्रेन की राजधानी कीव से अपने राजनयिकों और नागरिकों को निकाल चुके हैँ। ऐसे में यह जरूरी है कि भारत भी ऐसा करे। कुछ समय पहले तक रूस वायु हमलों या मिसाइल या ड्रोन हमलों से बच रहा था। लेकिन हाल में बदले हालात के बीच उसने अपना यह संयम तोड़ दिया है।