अनुप्रिया पटेल को दुबारा पार्टी का अध्यक्ष चुना गया
लखनऊ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुुववाई वाले गठबबंध राजग के घटक दल अपना दल (एस) काे राज्यस्तरीय पार्टी की मान्यता मिलने के बाद शुक्रवार को यहां आयोजित पार्टी के पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को दुबारा पार्टी का अध्यक्ष चुना गया।
अधिवेशन में अनुप्रिया पटेल को अपना दल एस की निर्विरोध अध्यक्ष चुनी गईं। चुनाव के बाद उन्होंने कहा पार्टी कार्यकताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई को मंजिल मिलने तक जारी रखना है। सामाजिक न्याय की विचारधारा से पीछे न हटने का संकल्प लेते हुए उन्होंने कहा, ‘शेर की बेटी हूं, पीछे नहीं हट सकती।’ उन्होंने पार्टी प्रतिनिधियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आलोचनाओं से घबराना नहीं है, क्योंकि पार्टी की प्रगति जिस तेजी से हो रही है, उसे देखते हुए इस तरह की आलोचना होना स्वाभाविक है।
उन्होंने कहा, “17 अक्टूबर 2009 को जब मेरे पिता डॉ.सोनेलाल पटेल का निधन हुआ था, उसके 20 दिन पहले ही मेरी शादी हुई थी। मैं राजनीति का ककहरा भी नहीं जानती थी, लेकिन उस समय पार्टी के लोगों ने मुझे महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद 2012 में मैंने वाराणसी के रोहनिया से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। वहां की जनता ने डॉ.सोनेलाल पटेल की सामाजिक न्याय की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए मुझे प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में अपना प्रतिनिधि चुन कर भेजा।”
श्रीमती पटेल ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना दल एस ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों पर जीत दर्ज की। इसके बाद उप्र में 2017 के विधानसभा चुनाव में 11 सीटों पर अपना दल (एस) के उम्मीदवार लड़े और इनमें से 9 ने जीत का परचम लहराया। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत रहा। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में 17 सीटों में से 12 पर अपना दल एस ने जीत दर्ज की। पार्टी का यह विस्तार डॉ. सोनेलाल पटेल के सिपाहियों की मेहनत का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि जिस अपना दल का लोग उपहास उड़ाते थे, कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करते थे, उसका इतनी तेजी से विस्तार देखकर सामाजिक न्याय की विचारधारा के विरोधियों के पेट में दर्द होने लगा है। तमाम तरह के अनर्गल आरोप लगाकर बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि विरोधी विरोध करते हैं तो चलता है, लेकिन जब अपने लोग ही विरोध करने लगते हैं, तो अंदर से तकलीफ होती है। उन्होंने कहा, “इस तकलीफ को मैं पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद से ही झेल रही हूं। हमारे ही लोगों का कंधा इस्तेमाल कर पार्टी को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है। लेकिन इतिहास गवाह है कि जब-जब पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की गई, तब-तब कार्यकर्ताओं के समर्पण, संघर्ष व कर्त्तव्यनिष्ठा के चलते पार्टी और मजबूत होती चली गई।”
उन्होंने 2024 के आम चुनाव की तैयारी के लिए कार्यकर्ताओं को अभी से 24 घंटे काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से आप लोगों ने अभी तक पार्टी को सफलता दिलाई है, यह सिलसिला आगे भी जारी रखना है और सफलता का नया कीर्तिमान कायम करना है। जिससे अधिक से अधिक अपने जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से ही सामाजिक न्याय को बुलंद आवाज मिलेगी। उन्होंने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए अपने प्रयास का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से इस समस्या का हल निकालने की मांग की। श्रीमती पटेल ने कहा कि सहयोगी पार्टी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से इस मामले में बातचीत जारी है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि आज यह सफलता अपना दल एस के करोड़ों कार्यकर्ताओं की मेहनत व समर्पण का प्रतिफल है। उन्हाेंने कहा कि अपना दल एस के कार्यकर्ता अपनी मेहनत से उपजाये गेहूं को बेचकर पार्टी को संचालित करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी बढ़ रही है, इस वजह से तरह-तरह के विरोध सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज कल ट्रेंड बन गया है कि बड़े नेता का अपमान करिए और सुर्खियों में आ जाइए। ऐसे विरोधियों से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सोशल मीडिया पर ऐसी किसी टिप्पणी पर किसी भी तरह का प्रतिकार न करने की अपील की।