विवि में किसान उपयोगी टेस्टिंग वाली लैब विकसित करें: आनंदीबेन पटेल
लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के नैक हेतु प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 निर्मला एस0 मौर्य ने बैठक मे जानकारी दी कि इससे पूर्व विश्वविद्यालय वर्ष 2004 में नैक का “बी” ग्रेड तथा वर्ष 2016 में नैक का “बी प्लस” ग्रेड प्राप्त कर चुका है और अब तीसरी बार मूल्यांकन के लिए अपनी “सेल्फ स्टडी रिपोर्ट” दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। राज्यपाल ने बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन की तैयारियों के लिए गठित कमेटी के सदस्यों से सभी सातों मूल्यांकन क्राइटेरिया पर बिन्दुवार जानकारी ली।
क्राइटेरिया एक और दो के प्रस्तुतिकरण मंे राज्यपाल जी ने सुधार की विशेष आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रस्तुतिकरण का पुनरावलोकन करें और सशक्त बिन्दुओं के साथ एसएसआर बनाएं। उन्होंने कहा कि तकनीकी स्तर पर पुराने पाठ्यक्रमों को हटाकर नयी तकनीक वर्जन को पाठ्यक्रम में लागू करें। विश्वविद्यालय के शिक्षण को स्तरीय बनाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि तकनीकी शिक्षण तथा अन्य विषयों में अंतर्राष्ट्रीय रैंकिग तथा देश के उच्चतम नैक ग्रेड प्राप्त शिक्षण संस्थानों में लागू विषयों का अवलोकन करके यथेष्ट विषय अपने विश्वविद्यालय में भी लागू करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की जो विशेषताएं हैं तथा विशेष फीचर हैं, उन्हें विशेष उल्लेख और विवरण के साथ हाई लाइट करें। ज्ञातव्य है कि विश्वविद्यालय द्वारा नैक ग्रेडिंग हेतु दाखिल किए जाने वाली सेल्फ स्टडी रिपोर्ट के तहत आईक्यूआर भरा जा चुका है, जबकि आईक्यूएसी दाखिल करने हेतु तैयारी की जा रही है। विद्यार्थियों को विषय चयन में प्राप्त होने वाली विविधता का अवलोकन करते हुए राज्यपाल ने निर्देश दिया कि सिलेबस में च्वाइस का विवरण हाइपर लिंक में रखा जाए। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की नैक टीम से पियर टीम भ्रमण के समय कमेटी सदस्यों द्वारा प्रस्तुतिकरण की तैयारी पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कुलपति अपने प्रस्तुतिकरण की सशक्त तैयारी करें। उन्होंने सभी कमेटी हेड को निर्देश दिया कि वे सक्षमता के साथ अपना प्रस्तुतिकरण स्वयं करें। उन्होंने बताया कि पियर टीम विभाग अनुसार अलग-अलग अवलोकन करती है, जिसके दौरान अन्य विभागाध्यक्ष अथवा सदस्य मौजूद नहीं रह सकते हैं। इसलिए प्रत्येक क्राइटेरिया पर विभागानुसार सशक्त और सुदृढ़ तैयारी की जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभागाध्यक्ष अपने विभाग की सम्पूर्ण जानकारी रखें।
प्रस्तुतिकरण में विभिन्न बिन्दुओं पर मात्र संतोषजनक प्रगति उल्लेख पर राज्यपाल ने प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि हर बिन्दु पर शत्-प्रतिशत् तैयारी करें। विद्यार्थियों के सकारात्मक प्रतिभाग को बढ़ावा देने पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की विविध गतिविधियों, कार्य संचालन आदि में उनकी प्रतिभागिता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को उच्च नैक ग्रेड प्राप्त होने से होने वाले लाभों के साथ नैक की उपयोगिता बताएं और उनमें नैक ग्रेडिंग के लिए उत्साह बढ़ाएं।
सशक्त एस0एस0आर0 की तैयारी पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण में संलग्न राइट-अप्स को सुदृढ़ और कलात्मक भाषा शैली में सज्जित करने, विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली अंकतालिका में उ0प्र0, भारत प्रमुखता से अंकित करने, संलग्न किए गए फोटोग्राफ्स को कैप्शन युक्त करने के साथ-साथ बेस्ट प्रैक्टिस में विविधता लाने सम्बन्धी सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि रक्तदान शिविर के आयोजन के समय प्लेटलेटदाताओं का पंजीकरण भी किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय की टेस्टिंग लैब में जनोपयोगी टेस्टिंग सुविधाएं जोड़ने के सुझाव के साथ किसानों के लिए उपयोगी मृदा टेस्टिंग, सीड टेस्टिंग जैसी लैब भी विकसित करने को कहा। बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, प्रमुख सचिव राज्यपाल कल्पना अवस्थी, विशेषकार्याधिकारी शिक्षा, विश्वविद्यालय द्वारा नैक तैयारी के लिए गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।