2014 के बाद शिक्षा के क्षेत्र में देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है – योगी
लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाये जाने के दौरान यहां आयोजित एक कार्यक्रम में एकत्र हुए प्रदेश के शिक्षकों से मुखातिब होते हुए कहा कि 2014 के बाद शिक्षा के क्षेत्र में देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित हुए शिक्षकों का स्वागत करते हुए सभी को शिक्षक दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा, “हमारा देश 05 सितंबर को देश के द्वितीय राष्ट्रपति महान शिक्षाविद, दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती के रूप में मनाता है। आधुनिक भारत के निर्माण के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है। यह अवसर शिक्षकों के लिये नयी पीढ़ी को ज्ञान के दीपक से आलोकित करने के लिये प्रेरित करता है।”
इस अवसर पर बेसिक शिक्षा,माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा यहां प्रधानाचार्य और अध्यापकों को सम्मानित किया गया। योगी ने कहा कि जब दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही थी, तब भारत राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यक्रम को शुरू कर रहा था। उस समय प्रदेश सरकार ने तकनीकी के प्रयोग को शुरू किया और शिक्षा को पटरी पर लाया गया। इस दिशा में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में पिछले 5 वर्ष के कार्य सभी के सामने हैं। इसमें ‘स्कूल चलो अभियान’ के उत्साहजनक परिणाम सामने आये। स्कूल चलो अभियान आज 2016 के तुलना में एक कीर्तिमान स्थापित कर रहा है उन्होंने कहा, “जब हमने प्रदेश में शासन संभाला तो प्राथमिक विद्यालय बंद होने की कागार पर थे। गन्दगी का अंबार होता था। उस समय हमारे सामने परीक्षाएं आयोजित हो रही थी। तब परीक्षा में नकल कराने की शिकायतें आई। हमने नकल विहीन परीक्षा सुनिश्चित कराने के लिये सख्ती की और इसके फलस्वरूप उस साल परीक्षा के परिणाम बहुत खराब आये, लेकिन हमने उसी समय नकल विहीन परीक्षायें कराने के लिए एक दशा एवं दिशा तय कर दी थी।”
उन्होंने कहा कि इस दौरान शिक्षकों की पारदर्शी प्रक्रिया से भर्ती हुई। इनमें बेसिक शिक्षा परिषद में 1.26 लाख और माध्यमिक विद्यालयों में 40 हजार भर्तियां हुई। योगी ने कहा कि इसके साथ ही पूरे प्रदेश में माध्यमिक परीक्षाओ में 56 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। प्रदेश की नकल विहीन परीक्षा अब देश में मिसाल बन गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में बेहतर सुविधायें सुनिश्चित करने के लिये ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ शुरु किया गया। इससे क्रांतिकारी बदलाव हुए जिसके परिणामस्वरूप स्कूलों में पेयजल, टॉयलेट, सोलर पैनल और लाइब्रेरी की सुविधाएं आदि इन विद्यालयों में आज मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि निपुण भारत अभियान भी इसी कार्य का हिस्सा है। अध्यापक अगर अपने तैनाती के स्थल के आसपास भ्रमण करें तो उन्हें कई जानकारियां होंगी। संवाद के नए मार्ग प्रशस्त होंगे और डाटा भी तैयार होगा जाे स्कूलों के उन्नयन में सहायक सिद्ध होगा।