घरेलू रसोई गैस वितरण कंपनियों के लिए 22 हजार करोड़ के अनुदान अनुमोदित
नयी दिल्ली, सरकार ने पिछले दो वर्षाें में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले दो वर्षाेें में एलपीजी की कीमतों में 300 प्रतिशत की बढोतरी होने के कारण घरेलू स्तर पर रसोई गैस वितरण करने वाली कंपनियों को हुये नुकसान की भरपाई के लिए आज 22 हजार करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी प्रदान कर दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में पेट्रोलियम मंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। आधिकारिक जानकारी के अनुसार रसोई गैस वितरण करने वाली सरकारी कंपनियों इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड, भाारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन के लिए यह राशि स्वीकृत की गयी है। इन कंपनियों को यह एक बार ही अनुदान दिया जा रहा है। यह अनुदान जून 2020 से लेकर जून 2022 तक के लिए है।
बयान में कहा गया है कि इस मंजूरी से इन कंपनियों को आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखने में मदद मिलेगी। इससे घरेलू एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी और मेक इन इंडिया उत्पादों की खरीद का समर्थन भी होगा। घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की आपूर्ति सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों जैसे आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल द्वारा उपभोक्ताओं को विनियमित कीमतों पर की जाती है।
जून 2020 से जून 2022 तक एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए, घरेलू एलपीजी के उपभोक्ताओं पर इस लागत वृद्धि को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था। ऐसे में इस अवधि के दौरान घरेलू एलपीजी की कीमतों में सिर्फ 72 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इससे इन कंपनियों को काफी नुकसान हुआ है। इन नुकसानों के बावजूद तीनों कंपनियों ने देश में इस आवश्यक खाना पकाने के ईंधन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की है।