नयी दिल्ली, 07 मार्च (वार्ता) होली के त्योहार के पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण को लेकर आज एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें 60 स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग एरिया बनाने, केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को अंदर आने देने और रेलवे कर्मियों की नयी यूनीफॉर्म एवं रेडियो फ्रीक्वेंसी वाले परिचय पत्र देने के फैसले लिये गये।
श्री वैष्णव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई जिसमें महाकुंभ और छठ आदि त्योहारों के अनुभवों के आधार पर स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण को लेकर फैसले लिए गए।
इन फैसलों में 60 स्टेशनों पर स्थायी बाहरी प्रतीक्षा क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया गया। वर्ष 2024 के त्योहारों के दौरान, स्टेशनों के बाहर प्रतीक्षा क्षेत्र बनाए गए थे, जिससे सूरत, उधना, पटना और नई दिल्ली में भारी भीड़ को नियंत्रित किया जा सका। यात्रियों को केवल तब प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दी गई जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आ गई।इसी तरह की व्यवस्था प्रयाग क्षेत्र के नौ स्टेशनों पर महाकुंभ के दौरान की गई थी। इन अनुभवों के आधार पर देशभर के 60 ऐसे स्टेशनों पर स्थायी प्रतीक्षा क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया है, जहां समय-समय पर भारी भीड़ होती है।
रेल अधिकारियों के अनुसार नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और पटना स्टेशनों पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं। इस व्यवस्था से अचानक आने वाली भीड़ को प्रतीक्षा क्षेत्र में नियंत्रित किया जा सकेगा और यात्रियों को केवल ट्रेन के आने पर प्लेटफॉर्म पर जाने दिया जाएगा, जिससे स्टेशन पर भीड़भाड़ कम होगी।
रेल अधिकारियों के अनुसार इन 60 स्टेशनों पर पूरी तरह से प्रवेश नियंत्रण लागू किया जाएगा। केवल कन्फर्म रिजर्वेशन टिकट वाले यात्रियों को सीधे प्लेटफॉर्म तक जाने की अनुमति होगी। बिना टिकट यात्री या प्रतीक्षा सूची टिकट वाले यात्री बाहरी प्रतीक्षा क्षेत्र में रुकेंगे। सभी अनधिकृत प्रवेश बिन्दु सील कर दिए जाएंगे। यह भी निर्णय लिया गया है कि चौड़े फुट-ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। 12 मीटर (40 फुट) और 6 मीटर (20 फुट) चौड़ाई वाले दो नए मानक वाले फुट-ओवर ब्रिज डिज़ाइन किए गए हैं। ये चौड़े एफओबी और रैम्प महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन में बहुत प्रभावी साबित हुए। इन नए चौड़े एफओबी को सभी स्टेशनों पर स्थापित किया जाएगा।
रेल अधिकारियों ने कहा कि महाकुंभ के दौरान भीड़ नियंत्रण में कैमरों की अहम भूमिका रही। सभी स्टेशनों और आसपास के क्षेत्रों में निगरानी के लिए बड़ी संख्या में कैमरे लगाए जाएंगे। बड़े स्टेशनों पर वार रूम विकसित किए जाएंगे। भीड़भाड़ की स्थिति में सभी विभागों के अधिकारी वार रूम में कार्य करेंगे।
रेल अधिकारियों के मुताबिक अत्याधुनिक डिज़ाइन वाले डिजिटल संचार उपकरण जैसे वॉकी-टॉकी, उद्घोषणा प्रणाली और काॅलिंग सिस्टम भारी भीड़ वाले सभी स्टेशनों पर लगाए जाएंगे।
रेल कर्मियों के लिए नई डिजाइन के परिचय पत्र के बारे में अधिकारियों ने कहा कि सभी स्टाफ और सेवा कर्मियों को नए डिज़ाइन के परिचय पत्र दिया जाएगा, जिससे केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही स्टेशन में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। सभी स्टाफ को नयी डिज़ाइन वाली यूनीफॉर्म दी जाएगी ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में उन्हें आसानी से पहचाना जा सके।
रेल अधिकारियों के अनुसार स्टेशन निदेशक के पद का उन्नयन करके सभी प्रमुख स्टेशनों पर एक वरिष्ठ अधिकारी को स्टेशन निदेशक बनाया जाएगा। सभी अन्य विभाग स्टेशन निदेशक को रिपोर्ट करेंगे। स्टेशन निदेशक को वित्तीय अधिकार दिए जाएंगे ताकि वे स्टेशन सुधार के लिए तत्काल निर्णय ले सकें। स्टेशन निदेशक को स्टेशन की क्षमता और उपलब्ध ट्रेनों के अनुसार टिकट बिक्री को नियंत्रित करने का अधिकार दिया जाएगा।